रुख़ से जो मेरे यार ने पर्दा हटा दिया
उसकी हर एक अदा पे तो क़ुर्बान जाइए
आई बाहर झूम के ख़ुश्बू बिखेरती
महफ़िल में होश वाले भी मदहोश हो गए
ये क्या किया की सबको दिवाना बना दिया
देखा जो उसने प्यार से बस इक नज़र 'रज़ा'
दिल में हमारे प्यार का गुलशन खिला दिया
सलीम रज़ा रीवा
_________________________ Nov-19
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