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Tuesday, October 31, 2023

हद से गुज़र गई हैं ख़ताएँ तो क्या करें SALEEM RAZA REWA

 

हद से गुज़र गई हैं ख़ताएँ तो क्या करें
ऐसे में उनसे दूर ना जाएँ तो क्या करें
 
सकी अना ने सारे त’अल्लुक़ मिटा दिए
उस बे-वफ़ा को भूल  जाएँ तो क्या करें
 
मीना भी तू है मय भी तू साक़ी भी जाम भी
आँखों में तेरी डूब  जाएँ तो क्या करें
 
श्ती को डूबने से बचाया बहुत मगर
हो जाएं गर ख़िलाफ़ हवाएँ तो क्या करें
 
खुशियों का इंतज़ार 'रज़ा' मुद्दतों से है
पीछा अगर  छोड़ें बलाएँ तो क्या करें

A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...