Tuesday, February 3, 2009

बेटी से खुशनुमा है ये संसार दोस्तो - सलीम रज़ा रीवा


बेटी से खुशनुमा है ये संसार दोस्तो
रौशन इसी से आज  है घर-बार  दोस्तो 
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बेटी कही पे माँ कही बहना के रूप में
पत्नी बहु ये बनके निकलती है  धूप में
सुब्हे किरन  से शाम तलब घर संवारती
बच्चो के रूप रंग को हर दम निखारती
ये तो अजब निभाती है किरदार दोस्तों
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सारी ये  क़ायनात बदौलत इसी से है
सारे जहाँ में फैला मोहब्बत इसी से है
चंपा चमेली बनके  चमन में महक रही
बातों से यूं लगे की है बुलबुल चहक रही
ये सबको दे रही है सदा प्यार दोस्तों
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अपने पती के संग ये बनवास में रही
जंगल में भूंख प्यास की हर मुश्किलें  सही
बनकर के माँ दुआ से ये जन्नत दिलाएगी
इज्जत भी ये दिलाएगी शोहरत दिलाएगी
इसकी दुआ में खुशियों का अम्बार दोस्तो

10-10-2008

Sunday, February 1, 2009

रुठो ना सरकार की होली आई है 9424336644 salimrazarewa

रुठो ना सरकार  कि‍  होली आई है 
झूम रहा  संसार  कि‍ होली आई है 
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होली के दिन बड़ों का आशिर्बाद रहे
छोटों के संग होली के पल याद रहे 
हर मज़हब के लोग ख़ुशी में खोएं हैं 
रंगों का त्योहार कि‍ होली आई है 
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साजन हैं परदेश ना भाए रंग अबीर 
गोरी के के आँखों से बहते झर-झर नीर 
सजनी ने साजन को लिखकर भेजा है 
तुम बिन नहीं क़रार कि‍ होली आई है 
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होली के दिन बदला हर रुख़सार लगे 
रंग - बिरंगा गोरी का श्रृंगार लगे 
पिए भांग हैं मस्त फ़ाग की टोली में 
उड़ती रंग फुहार कि‍ होली आई है 
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 9424336644  सलीम रज़ा रीवा 


A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...