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Tuesday, February 13, 2024

रिश्ते वफ़ा के सब से निभाकर तो rishte vafa ke sab se nibhakar to - सलीम रज़ा रीवा SALIMRAZAREWA

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रिश्ते वफ़ा के सब से निभाकर तो देखिए

मुफ़्लिस को भी गले से लगाकर तो देखिए


ख़ुशबू से मह-महाएगा घर बार आपका

उजड़े हुए चमन को बसाकर तो देखिए


इसका सिला मिलेगा ख़ुदा से बहुत बड़ा

भूखे को आप खाना खिलाकर तो  देखिए

 

खिल जाएगा ख़ुशी से वो चेहरा गुलाब सा

रोते हुए को आप हँसा कर तो देखिए

 

इक चौंदवी का चाँद नज़र आएगा 'रज़ा'

ज़ुल्फ़ें रुख़-ए-हसीं से हटाकर तो देखिए

………………एक शे’र…………………

मेरा ख़ुलूस मेरी मोहब्बत  को  देखकर

जुड्ते  गये हैं आके  मेरे कारवाँ  से लोग

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221 2121 1221 212
मफ़ऊल फ़ाइलात मुफ़ाईलु फ़ाइलुन
बहरे मज़ारिअ मुसमन अख़रब मकफूफ़ मकफूफ़ महज़ूफ़
सलीम रज़ा रीवा 05-02-2012
  

A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...