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Sunday, October 28, 2018

जब, तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे SALIM RAZA REWA


जब, तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी
लब, तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी

तुम मेरे साथ होचांदनी रात होहोंट की बात होज़ुल्फ़ की बात हो
तब, तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी

हम नहीं चाँद तारे ये काली घटा गूंचा गुल ये बुलबुल ये महकी फिज़ा
सब, तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी

हम गुनहगार हैहम सियह कार हैंफिर भी रहमो करम पे यकी है हमें
जब, तुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी

  'रज़ा' दर बदर हम भटकते रहे  प्यार क्याप्यार का इक निशाँ ना मिला
अबतुम्हारी महब्बत में खो जाएंगे बिगड़ी क़िस्मत भी इक दिन संवर जाएगी
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                                  ली रज़ा रीवा

A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...