Thursday, November 8, 2018

20-गीत -सलीम रज़ा रीवा SALIM RAZA REWA

01.

अन-गिनत फूल मोहब्बत के चढ़ाता जाऊँ
आख़िरी बार गले तुझ को लगाता जाऊँ
oo
तेरी प्यारी सी छुअन जिस्‍म मुअत्तर कर दे
तेरे चेहरे की चमक रात को रोशन कर दे
तेरी शोखी तेरी रंगत को चुराता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
तेरी साँसों ने महकने की अदा बख़्शी है
तूने इस दिल को धड़कने की अदा बख़्शी है
तेरी यादों के दिए दिल में जलाता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
तेरी तस्वीर को आँखो में छुपा रक्खी है
तेरी हर एक अदा दिल में बसा रक्खी है
अपनी साँसों में तेरी साँस मिलाता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
मुझसे ख़्वाबों में कभी मिलने मिलाने आना
चाँद सा चेहरा कभी मुझको दिखाने आना
तेरी आँखों की ज़रा नीद चुराता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
साथ मिलकर जो गुज़ारे थे हसीं रातो दिन
जाने गुजरेंगे भला कैसे अब तुम्हारे बिन
अब इसी याद के तूफ़ां में समाता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
जाने इस शहर में फिर लौट के कब आऊँगा
पर ये वादा है तुझे भूल नहीं पाऊंगा
तेरी तस्वीर को आँखो में बसाता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
तेरे इस शहर में खुशीओं का बसेरा देखा
सुरमई शाम तो ख़ुश रंग सवेरा देखा
ऐसे लमहात को आँखों में सजाता जाऊँ
आख़िरी बार गले.....................
oo
मेरे आँसू तेरी चाहत नहीं लिखने देते
कांपते हाथ हक़ीक़त नहीं लिखने देते
उनको रुदाद 'रज़ादिल की सुनाता जाऊँ
__________________________________


हँस दे तो खिले कलियाँ गुलशन में बहार आए
वो ज़ुल्फ़ जो लहराएँ मौसम में निखार आए
oo
मदहोश हुआ दिल क्यूँ बेचैन है क्यूँ आँखें
रंगीन ज़माना क्यूँ महकी हुई क्यूँ सांसें
हूँ दूर मय-ख़ाने से फिर भी क्यूँ ख़ुमार आए
oo
बुलबुल में चहक तुम से फूलों में महक तुम से
तुम से ये बहारे हैं सूरज में चमक तुम से
रुख़्सार पे कलियों के तुम से ही निखार आए
oo
बस इतनी गुज़ारिश है बस इतनी सी चाहत है
जिन जिन पे इनायत है जिन जिन से मोहब्बत है
उन चाहने वालो में मेरा भी शुमार आए
oo
गुलशन में बहारों की इक सेज लगाया है
फूलों को सजाया है पलकों को बिछाया है
ऐ बाद-ए-सबा कह दे अब जाने बहार आए
oo
मिल जाए कोई साथी हर ग़म को सुना डालें
जीवन के हर इक लम्हें खुशिओं से सजा डालें
बेचैन 'रज़ादिल है पल भर को क़रार आए
__________________________________
दिल में बसा है तेरा प्यार गोरिए         
कर लेने दे मुझे दीदार गोरिए
सपनो में आके क्यूँ मुझे तड़पती हो
अपना बनाले दिलदार गोरिए
oo
जाना तेरे दिल को बेक़रार करूँगा
जी भर के तुझे आज प्यार करूँगा
तेरे लिए चांदनी का सेज लगा दूँ
चाँद सितारों से तेरी मांग सजा दूँ
तुझपे ये ज़िंदगी निसार गोरिए
oo
पतली कमर मत ऐसे बल खा
सोंडा सोंडा मुखड़ा बांहों में छुपा
सजनी दीवानी यूँ अँखियाँ चुरा
तेरे सुने जियरा में हमको बसा
प्यार करूँगा बे - सुमार गोरिए
oo
सोड़े-सोड़े मुखड़े पे जादू तेरे जाना
तेरे  पीछे पड़ गया सारा ज़माना
मुझ सा दीवाना तू पाएगी दीवानी
तुझपे निसार किया सारी ज़िंदगानी
किया नहीं जाता इन्तज़ार गोरिए
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मेरे दिल कहीं और चल
ज़माने में तेरा ठिकाना नहीं
oo
वफ़ा तू करेगा मिलेगी ज़फाएँ
ज़माने की ऐसी लगी बद्दुआएँ
नज़र तू उठा कर के जी सकेगा
ज़हर तू जुदाई का पी सकेगा
मेरे दिल इतना मचल
रो रो के जाँ को गवाना नहीं
oo
तुझे तेरे अपने ही छलने लगे हैं
तेरे सारे सपने बिखरने लगे हैं
अरे बेख़बर इतना हैरान क्यूँ  है
ज़माने से इतना परेशान क्यूँ है
मेरे दिल तू ख़ुद को बदल
तड़प कर के दिल को जलाना नहीं
oo
तेरे प्यार ने तुझको धोका दिया है,
सुना है कोई उनका साथी नया है
मगर तेरे बिन कैसे ख़ुश वो रहेंगे,
तेरी याद आई तो तड़पा करेंगें
मेरे दिल अब तो सम्हल
ज़फाओं को उनके भुलाना नहीं
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आशिक़ी आशिक़ी बन्दगी बन्दगी
तू ही  आशिक़ी तू ही  सादगी तू ही बंदगी है
तू ही नाज़नीं तू ही हर ख़ुशी तू ही ज़िंदगी है
oo
मेरा दिल पे नहीं अब काबू हैकाबू है- काबू है
तेरे इश्क़ का मुझपे जादू हैजादू है- जादू है
दिल बेक़रार जाने बहार कर ले तू प्यार आजा
ऐ मेरे यार तुझपे निसार ख़ुशियाँ हज़ार आजा
oo
ये दिल मेरा दीवाना हैदीवाना है - दीवाना है
ये पागल है मस्ताना हैमस्ताना है-मस्ताना है
पतली कमर है बाली उमर है क़ातिल नज़र है आजा
सबसे हंसी तू कमसिन  बड़ी तू सबको ख़बर है आजा
oo
तेरी बिखरी ज़ुल्फ़ें सावन सी ,सावन सी -सावन सी
तेरे तन की ख़ुश्बू मधुबन सीमधुबन सी -मधुबन सी
नागन सी चाल मदहोश हाल कर दे ना ये दिवाना
ये है ख़याल क्या होगा हाल देखेगा जब ज़माना
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नीदों में तू खवाबो में तू दिल में तू ही समाई है
नाम पता दे या तू बता दे किस दुनिया से आई है
oo
होंट कँवल की पंखुडिया है नैना मयकश जाम
गाल गुलाबी चाल शराबी ज़ुल्फ़ घनेरी शाम
तू ही जीवन तू ही धड़कन तू ही मेरी अंगड़ाई है
oo
सांसो में तेरी खुशबू बसी है दिल में बसी तस्वीर
जिस्म जिगर तू जान हमारी तू है मेरी तक़दीर
आसमान से कोई परी जैसे धरती पे आई है
oo
हुस्न की मलिका खव्बों की रानी कोई ग़ज़ल नवनीत
प्यारा मुखड़ा चाँद का टुकड़ा जनम जनम की प्रीत
जिस्म कंवल है रूप ग़ज़ल होंठ भी मिस्ले रुबाई है
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दिवाना दीवाना किया है मुझे दीवाना
चंचल शोख़ हसीन अदाएँ ये तेरा मुस्कांना
oo
तू अंगड़ाई ले तो क़यामत आ जाए
ज़ुल्फ़ तेरी लहराए तो बादल छा जाए
होंट गुलाब की पंखुड़ियां हैं आँख है पैमाना
oo
तू जो चले तो खुशिया चले बहार चले
हुस्न भी तुझको देख के अपना हाँथ मले
तेरी बदन की  ख़ुश्बू से हर बाग़ है दीवाना
oo
तेरे मेरे इश्क़ की चर्चा फैली गली-गली
तुझे देखकर खिलती हैं हर कली-कली
तेरे बिना अब तो नहीं जीना मुझे है मर जाना
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मेरी निदिया चैन चुराए तेरी आँख का काजल
हर पल मुझको तड़पाए तेरी आँख का काजल
oo
तेरे होंट कवल तेरा रूप ग़ज़ल
हिरनी जैसी तू चंचल
मुझको पागल कर जाए तेरे आँख का काजल
- oo
तेरी आँख किरन तेरी चाल  हिरन
तेरा जिस्म सनम जैसे चन्दन
मेरी सांसों को महकाए कर दे मुझे पागल
oo
तेरी शोख़ अदातेरी ज़ुल्फ़ घटातेरी
कोयल जैसी प्यारी ज़ुबां
मुझे दीवाना कर जाए छम छम तेरी पायल
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काली काली ज़ुल्फ़ों वाली
बालों पे गजरा होंठों पे लाली
कर गई मुझे दीवाना ,ज़रा पता बताना

नज़रें झुका के तू  ऐसे मुस्का,
दाँतों तले होटो को ना ऐसे दबा
पतली कमर मत ऐसे बल खा
ज़ुल्फ़ें न ऐसे हवा में लहरा
तेरे बिना संगदिल जीना हुआ मुश्किल
ऐसा किया तूने दीवाना

होटो  को ज़रा तू मेरे होटो से लगा
देखूं मैं भी देखूँ तेरे प्यार का नशा
नैना भोले भाले तेरी भोली है अदा
तेरी इस अदा में मेरा दिल भी फ़िदा
सोंड़े सोंड़े मुखड़े को बांहों में छुपाना
जादू करे तेरा शर्माना

परिओं  की रानी कभी सपनो में आ
मेरी सूनी ज़िंदगी को प्यार से सजा
सजनी दीवानी यूँ अँखियाँ चुरा
तेरे सुने जियरा में हमको बसा
अरे जाने जाना करके दिवाना
मुझको छोड़ न जाना
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वो आई ना पर आएगी जो  वादा किया निभाएगी
अपने प्यार की ख़ुश्बू से मेरी सांसों को महकाएगी
oo
होंट कंवल की मंखुड़ियाँ हैं नैना मयकश जाम
गाल गुलाबी चाल शराबी ज़ुल्फ़ घनेरी शाम
सारे जहाँ की खुशिओं को वो संग संग अपने लाएगी
oo
सांसों में उसकी ख़ुश्बू बसी है दिल में बसी तस्वीर
जिस्म जिगर वो जान हमारी वो है मेरी तक़दीर
मुझको यक़ीं है बिछड़ के मुझसे इक पल ना रह पाएंगी
oo
हुस्न की मलिका ख़ाबों की रानी कोई ग़ज़ल नवनीत
प्यारा मुखड़ा चाँद का टुकड़ा जनम जनम की प्रीत
ख़ाबों ख़यालों में बसने वाली धड़कन में बस जाएगी
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तुही तो है जाने वफ़ा तेरे सिवा न कोई मेरा
तू ही प्यार तू ही ख़ुमार अब तेरे बिना जाएं कहाँ

प्यार में तूने मुझे पागल बनाया
नज़रे मिला के मुझे घायल बनाया
तेरे बिना इक पल नहीं जीना
तुझपे दिलों जां फ़िदा ---------

दिल में बसा के तेरी पूजा करुँगी
तेरे लिए मैं यारा हर ग़म सहूँगीं
दिल में बसा ले अपना बना ले
होना ना मुझसे जुदा ---------

पगली दीवानी यूँ ना मुखड़ा छुपाओ
हंस के ज़रा मेरी बांहों में आओ
तेरी आदाएं दिल को लुभाए
आजा मेरे साथिया -----------
_____________________________
ऐ गुलबदन ऐ नाज़नी तुमसा हंसी कोई नहीं
वो जाने जाना मैं हूँ दीवाना तेरे बिना मैं कहाँ
oo
रात ख़ाबों में आए नींद मेरी चुराए
बिन मिले जाने जानां चैन मुझको न आए
तेरे लिए दिल ओ जान लुटा दूँ छोडूं ये सारा जहाँ
oo
तू जां से है प्यारी तू ही दुनिया हमारी
जान तुझपे है वारी तू ही खुशियाँ हमारी
आँखों में तू है सांसों में तू है होटों पे चर्चा तेरा
oo
हो गया मैं दिवाना दिल ये गए तराना
बिन तेरे जाने जाना कुछ नहीं ये ज़माना
रुत भी हंसीं है तेरी कमीं है आजा मेरे दिल रुबा
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सांसों के रस्ते तुम हँसते हँसते
दिल  में समाने लगे हो………
ख़ाबों के रस्ते तुम हँसते हँसते
दिल में समाने लगे हो .......

बिना तेरे हमदम नहीं चैन पाऊँ
ये मुमकिन नहीं मैं तुझे भूल जाऊं
तेरी आशिक़ी में तेरी बंदगी  में
मैं सब कुछ लूटा दूँ तेरी हर खुशी में
आँखों के रस्ते तुम हँसते हँसते
दिल में समाने लगे हो ...............

ख़्यालों  में तू है निगाहों तू है
अदाओं में तू है वफाओं में तू है
साँसों में तेरी ही ख़ुश्बू बसी है
तू ही मेरी धड़कन तू ही ज़िंदगी है
ख़्यालों के रस्ते तू हँसते हँसते
दिल में समाने लगे हो .............

निगाहें मिलाकर निगाहें चुराना
वो  मासूम चेहरे से जादू चलाना
वो कमसिन अदाएँ बहुत सारी बातें
मुझे याद हैं सारी  दिन  सारी रातें
यादों के रस्ते तुम हँसते हँसते,
दिल में समाने लगे हो ...............
__________________________________
              सलीम रज़ा रीवा

सोंडी सोंडी बतिओं  से प्यासी प्यासी अँखिओं से
जाने कैसा जादू कर गई - दीवाना कर गई
oo
धीरे- धीरे सपनो में आने लगी तू
धीरे -धीरे मन में समाने लगी तू
धीरे - धीरे अपना बनाने लगी तू
आँखिओं  से बातें कर गई -दीवाना कर गई
oo
दिल की धड़कन बोले यही मेरे यारा
तेरे  बिना  अब  जीना  नहीं  है ग़वारा
मेरी सूनी ज़िंदगी में आके जाने जानाँ
सपनो में रंग भर गई -दीवाना कर गई
oo
वो मेरी साँसों  में धड़कन  में ऐसे समाए
उसके  सिवा अब यादों में कोई ना आए
सारी -सारी रात जागूं नीद  नहीं आए
कैसा ज़ुलुम कर गई - दीवाना कर गई
_____________________________________                                 
जब जब प्यार की बात चली, दिल रोया तू याद आई
जब जब आया तेरी गली , दिल रोया तू याद आई
oo
ख़त्म हुई वो आँख मिचोली ,कोयल जैसी तेरी बोली
तू पारिओं सी रानी बनकर ,जा बैठी साजन की डोली
साजन संग ससुराल चली ------
oo
आँगन सूना उपवन सूना ,बिन तेरे ये सावन सूना
तू है फूल मेरे जीवन का ,तेरे बिन ये गुलशन सूना
जब देखा कोई खिलती कली ----
oo
रास्ता तकते हैं मेरे नैना ,बिन तेरे मुझको नहीं चैना
दिन नहीं कटते हैं बिन तेरे ,बिन तेरे नहीं कटती रैना
सुब्ह हुई या शाम ढली ----
oo _________________________ oo

बेटी से ख़ुशनुमा है ये संसार दोस्तो
रौशन इसी से आज है घर- बार दोस्तो
oo
बेटी कही पे माँ कही बहना के रूप में
पत्नी, बहू, ये बनके निकलती है धूप में
सुब्हे किरन से शाम तलक घर संवारती
बच्चो के रूप-रंग को हर दम निखारती
ये तो अजब निभाती है किरदार दो दोस्तो
oo
सारी ये क़ायनात बदौलत इसी से है
सारे जहाँ में फैला मोहब्बत इसी से है
चंपा-चमेली बनके चमन में महक रही
बोले तो जैसे कोई बुलबुल चहक रही
ये सबको दे रही है सदा प्यार दोस्तो
oo
अपने पती के साथ ये बनवास में रही
जंगल में भूंख-प्यास हर एक मुश्किलें सही
बनकर ये माँ दुआओं से जन्नत दिलाएगी
इज्ज़त भी ये दिलाएगी शोहरत दिलाएगी
इसकी दुआ में खुशियों का अम्बार दोस्तो
_________________________


तू जो नज़रों से पिला जम के पिएँगे साक़ी 

रहने देंगे नहीं प्याले में कोई मय बाक़ी 

जाम पे जाम चले सुब्ह से शाम चले 

तेरा भी नाम चले मेरा भी काम चले 

जाम पीने दे मुझे ग़म भुलाने दे मुझे

अब तो जीने दे मुझे ज़ख़्म खाने दे मुझे

साथ तेरा जो मिले ग़म कहाँ रहे बाक़ी

साक़िया पूंछो ज़रा क्या है पीने का मज़ा 

बिन पिए रह न सके दर्द ओ ग़म सह ना सके 

लड़खड़ाते हैं क़दम  होश में आते है हम 

कहीं छूटे ना सनम कहीं टूटे न क़सम 

तेरे आँखों सा नशा और कहाँ है साक़ी 

एक मैखाना रहे एक पैमाना रहे

एक दीवानी रहे एक दीवाना रहे

हाथो से जाम पिला आंखो से जाम पिला 

होटो से जाम पिला साँसों से जाम पिला

आज तू इतनी पिला होश रहे ना बाक़ी  

उधर महबूब मेरा इधर मैख़ाना है 

छोड़ूँ महबूब नहीं मयक़दा जाना है 

यार छोड़ा न गया जाम तोड़ा न गया 

ऐ 'रज़ा' तू ही बता हक़ करें किसका अदा 

जाम धड़कन है मेरी होश मेरा है साक़ी 


_________________________
रुठो ना सरकार की  होली आई है
झूम रहा  संसार  की होली आई है
oo
होली के दिन बड़ों का आशिर्बाद रहे
छोटों के संग होली के पल याद रहे
हर मज़हब के लोग ख़ुशी में खोएं हैं
रंगों का त्योहार की होली आई है
oo
साजन हैं परदेश ना भाए रंग अबीर
गोरी के के आँखों से बहते झर-झर नीर
सजनी ने साजन को लिखकर भेजा है
तुम बिन नहीं क़रार की होली आई है
oo
होली के दिन बदला हर रुख़सार लगे
रंग - बिरंगा गोरी का श्रृंगार लगे
पिए भांग हैं मस्त फ़ाग की टोली में
उड़ती रंग फुहार की होली आई है
_________________________
सलीम रज़ा रीवा






A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...