अन-गिनत
फूल मोहब्बत के चढ़ाता जाऊँ
आख़िरी बार गले तुझ को लगाता जाऊँ
आख़िरी बार गले तुझ को लगाता जाऊँ
साथ
मिलकर जो गुज़ारे थे हसीं रातो दिन
जाने गुजरेंगे भला कैसे अब तुम्हारे बिन
अब इसी याद के तूफ़ां में समाता जाऊँ
जाने गुजरेंगे भला कैसे अब तुम्हारे बिन
अब इसी याद के तूफ़ां में समाता जाऊँ
तेरी
प्यारी सी छुअन जिस्म मुअत्तर कर दे
तेरे
इस शहर में खुशीओं का बसेरा देखा
सुरमई शाम तो ख़ुश रंग सवेरा देखा
ऐसे लमहात को आँखों में सजाता जाऊँ
सुरमई शाम तो ख़ुश रंग सवेरा देखा
ऐसे लमहात को आँखों में सजाता जाऊँ
oo
तेरी
साँसों ने महकने की अदा बख़्शी है
तेरी
तस्वीर को आँखो में छुपा रक्खी है
तेरी हर एक अदा दिल में बसा रक्खी है
अपनी साँसों में तेरी साँस मिलाता जाऊँ
तेरी हर एक अदा दिल में बसा रक्खी है
अपनी साँसों में तेरी साँस मिलाता जाऊँ
मुझसे
ख़ाबों में कभी मिलने मिलाने आना
मेरे
आँसू तेरी चाहत नहीं लिखने देते
दर्द-ए-दिल तुमको मेरी जान सुनाता जाऊँ
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