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Saturday, November 11, 2023

मेरी आँखों में हुआ जब से ठिकाना तेरा Salim Raza rewa

 मेरी आँखों में हुआ जब से ठिकाना तेरा 

लोग कहते हैं सरे आम दिवाना तेरा

रोज़ मिलने की तसल्ली न दिया कर मुझको 
जान ले लेगा किसी रोज़ बहाना तेरा

छीन लेगा ये मेरा होश यक़ीनन इक दिन 
यूँ ख़यालों में शब--रोज़ का आना तेरा 

होश वालों को कहीं फिर न बना दे  पागल
महफिले हुस्न में बन-ठन के यूँ आना तेरा  

भूल पाना बड़ा मुश्किल है वो दिलकश मंज़र
मुस्कुरा कर लब--नाज़ुक को दबाना तेरा

 _________________________ Sep/19

A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...