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Monday, October 2, 2023

आख़िर ये इश्क़ क्या है जादू है या नशा है


आख़िर ये इश्क़ क्या है जादू है या नशा है

जिसको भी हो गया है पागल बना दिया है


हाथो में तेरे हमदम जादू नहीं तो क्या है

मिट्टी को तू ने छूकर सोना बना दिया है


उस दिन से जाने कितनी नज़रें लगी हैं मुझपर

जिस दिन से तूने मुझको अपना बना लिया है


मैंने तो कर दिया है ख़ुद को तेरे हवाले 

अब तू ही जाने हमदम क्या तेरा फ़ैसला है


इस दिल का क्या करें अब सुनता नहीं जो मेरी

तुझको ही चाहता है तुझको ही सोचता है


पल भर में रूठ जाना पल भर में मान जाना

तेरी इसी अदा ने दिल को लुभा लिया है


कुछ दिन से ख़्वाब में भी आते नहीं हो मेरे
मुझसे
  जान--जानाँ क्या हो गई ख़ता है


खिलता हुआ ये चेहरा यूँ ही रहे सलामत

तू ख़ुश रहे हमेशा मेरी यही दुआ है

A 20 GAZLEN SALEEM RAZA REWA

  🅰️ 20 ग़ज़लें  01 मुज्तस मुसम्मन मख़बून महज़ूफ़ मस्कन मुफ़ाइलुन फ़इलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन  1212 1122 1212 22 ——— ——— —— —— ———- हर एक शय से ज़ि...