होली
रुठो नईं सरकार कि होली आई है
झूम रहा संसार कि होली आई है
होली के दिन बड़ों का आशीर्वाद रहे
छोटों के संग होली के पल याद रहे
हर मज़हब के लोग ख़ुशी में खोए हैं
रंगों का त्योहार कि होली आई है
साजन हैं परदेश न भाए रंग अबीर
गोरी के आँखों से बहते झर-झर नीर
सजनी ने साजन को लिखकर भेजा है
तुम बिन नहीं क़रार कि होली आई है
होली के दिन बदला हर रुख़सार लगे
रंग -बिरंगा आज मेरा दिलदार लगे
पी कर भांग हैं झूमे फाग की टोली में
उड़ती रंग फुहार कि होली आई है
No comments:
Post a Comment