तेरा हसना ग़ज़ब मुस्कुराना ग़ज़ब तेरा चिलमन में चेहरा छुपाना ग़ज़ब
देखकर क्यूँ न दिल गुनगुनाने लगे तेरी हर इक अदा शायराना ग़ज़ब
डालियाँ झूमकर गुनगुनाने लगीं हर कली देखकर मुस्कराने लगीं
दिल धड़कने लगा है हर-एक फूल का तेरा वन-ठन के गुलशन में आना ग़ज़ब
उफ़ ये लाली ये शोख़ी ये चंचल नयन फूल से भी है नाज़ुक ये तेरा बदन
इक तो तेरी अदाएं हैं क़ातिल बड़ी उसपे मौसम भी है आशिक़ाना ग़ज़ब
इस क़दर नूर रुख़ से चमकने लगा हुस्न भी देखकर हाथ मलने लगा
रब से मांगा था जो वो ख़ुशी मिल गई आप क्या मिल गए ज़िंदगी मिल गई
खिल उठे हैं 'रज़ा' फूल ख़ुशियों के अब मिल गया प्यार का इक ख़ज़ाना ग़ज़ब
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