Saturday, November 4, 2017

बातों ही बातों में उनसे प्यार हुआ- सलीम रज़ा रीवा

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बातों ही बातों में उनसे प्यार  हुआ.
ये मत पूछो कैसे कब इक़रार हुआ
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जब से आँखें उनसे मेरी चार हुईं.
तब से मेरा जीना भी दुश्वार हुआ
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वो शरमाएँ जैसे  शरमाएँ कलियाँ.
रफ्ता रफ्ता चाहत का इज़हार हुआ
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दिल की बातें वो  ऐसे पढ़  लेता है.
दिल हुआ जैसे कोईअख़बार हुआ
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उनसे  ही खुशियाँ है मेरे आंगन में.
उनसे ही रौशन मेरा घर बार हुआ
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आँखों में बस उनका चेहरा दिखता है.
शोख़ हसीना का जब से दीदार हुआ
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Gazal by salimrazarewa

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